इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि Indore News। शहर के बच्चे रविवार को कूची चलाकर बताएंगे कि उनके सपनों का शहर कैसा होना चाहिए। इसके लिए इंदौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कंपनी लि. एक विशेष प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है। सुबह 10 बजे से साउथ राजमोहल्ला स्थित बगीचे में प्रतियोगिता का आयोजन होगा।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत नर्चरिंग नेबरहुड्स चैलेंज की शुरुआत की है। इसमें इंदौर समेत 25 शहरों का चयन किया गया है। तीन साल की अवधि वाले इस चैलेंज का उद्देश्य बगीचों, सार्वजनिक स्थानों और परिवहन सुविधाओं के विकास के दौरान पांच साल तक के बच्चों की जरूरतों और आकांक्षाओं का खयाल रखना है। अब तक किसी भी प्रोजेक्ट में छोटे बच्चों की जरूरतों को अनदेखा किया जाता है। योजना के तहत इंदौर के पांच बगीचों को चुना गया है, जहां छोटे बच्चों के लिए विशेष स्थान रखा जाएगा।
वहां उनकी सुरक्षा और सुविधा के हिसाब से झूले, मनोरंजन गतिविधियों, पाथ वे, मार्किंग आदि के प्रबंध किए जाएंगे। स्मार्ट बनाए जाने वाले बगीचों में साउथ राजमोहल्ला, सीपी शेखर नगर का बगीचा, नेहरू पार्क, मच्छी बाजार स्थित आंगनवाड़ी और अर्जुनपुरा स्थित स्लम बस्ती का चयन किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि चयनित बगीचों में छोटे बच्चों के लिए अलग डिजाइन वाले झूले लगाए जाएंगे, जिन पर वे सुरक्षित तरीके से झूल सकें। इसके अलावा चयनित बगीचों तक पहुंचने के लिए कालोनी, फुटपाथ या मुख्य मार्गों से विशेष रास्ता मार्क किया जाएगा, जिस पर चलते हुए वे सुरक्षित तरीके से बगीचे तक पहुंच सकें।
पुरस्कार भी दिए जाएंगे स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा रविवार को आयोजित की जा रही चित्रकला प्रतियोगिता और कार्यशाला के दौरान विजेता बच्चों को पुरस्कार भी दिए जाएंगे। कार्यशाला के दौरान अभिभावकों से बच्चों को लेकर उनकी चिंताओं और समाधान विषय पर चर्चा कर सुझाव लिए जाएंगे। स्मार्ट सिटी कंपनी के अधीक्षण यंत्री डीआर लोधी ने बताया कि प्रतियोगिता के दौरान कंपनी के सीईओ ऋषव गुप्ता मौजूद रहेंगे।
बगीचे और बड़े सार्वजनिक स्थानों में छोटे बच्चों के लिए होगा विशेष प्रबंध
सीईओ गुप्ता ने बताया कि अब तक बगीचे या सार्वजनिक स्थानों का विकास तो होता है, लेकिन उन्हें यह सोचकर तैयार नहीं किया जाता कि उनमें पांच साल तक के छोटे बच्चे भी जाएंगे। मंत्रालय चाहता है कि इस दिशा में न केेवल सोचा जाए, बल्कि काम भी किया जाए। नर्चरिंग नेबरहुड चैलेंज के जरिए इस विषय को लेकर जागरूकता लाने और लोगों से फीडबेक लेने के प्रयास किए जा रहे हैं। अभिभावकों को किसी भी सार्वजनिक स्थान के संबंध में यह चिंता रहती है कि कहीं बच्चे को चोट न लग जाए, वे सुरक्षित तरीके से पहुंच जाएं या वहां जाकर वह कुछ नया सीखें। रविवार को इसी कड़ी में चित्रकला प्रतियोगिता और कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।